Meri sanskari maa aur chhar mulle dost
हेलो दोस्तो, मेरा नाम अनमोल है, मैं एक गांव में रहता हूं, मैं अभी 10वीं कक्षा में हूं… और पढाई
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लिखाई एम भी अच्छा हू… दोस्तो मेरे घर एम मेरा बापू… रामलाल
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माँ – मीराबाई..
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और मैं अनोम्ल रहती हूँ…
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बाप की उम्र 45 साल है और माँ अभी 38 साल की महिला है…
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दोस्तो हम जहां पर रहते हैं एमटीएलबी मेरा गांव फिरोज पुर है… वहां पर मुस्लिम लोग ज्यादा रहते हैं एमटीएलबी
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मेरा गाव मुस्लिम लोगो का है हिंदू लोग काफी कम है…
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हमारा गाव महाराष्ट्र माई पढ़ता है… और मैं एक मराठी परिवार का मालिक हूं…
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दोस्तो मेरे 4दोस्त हैं और 4आरो मुसलमान हैं…
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1… अमजद
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2… सलमान
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3… जुनैद
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4… असलम
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चारो के चारो मेरी ही उम्र है लेकिन सरिर एम मुसजे काफी अच्छे खासे है और पढ़ी लिखी एम कमजोर है…
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और बहुत गंदी गंदी गालियां भी आपस में मिलते रहते हैं लेकिन उन लोगों का मुझे कोई मतलब नहीं है…
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दोस्तो मेरे चारो दोस्त बहुत गंदे रहते हैं और मास भी खूब खाते हैं बहुत खराब
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एक हाथ भी नहीं धोते सेल… लेकिन मैं बहुत सफाई वाला हूं…
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मास खाने की वजा से उन्हें पसिना बहुत आता है… पता नहीं कितने कितने दिनों तक नहाते भी नहीं है…
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Mai bhht hi sidha sadha ladka hu jydatar ghr m hi rehta hu… लेकिन ये 4दोस्त बचपन s मेरे साथ h
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खेलते कुद्दते हैं… कभी-कभी मुझे धमकाने वाले भी कहते हैं…
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दोस्तो मेरा बापू एक किसान है और दिन भर खेतो में ही लगा रहता है…
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और माँ मेरी एक संस्कारी पूजा पथ वाली महिला है प्रतिदिन मंदिर भी जाती है घर घर में ही पूजा की जाती है…
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दोस्तो एक दिन सैम के समय मैं खेलने जा रहा था… वो चारो मुस्लिम लड़के एक पेड़ नीचे खड़े होकर..
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बात कर रहे थे मैं उनसे थोड़ा दूर ही था…
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तबी मेने देखा मेरी मां मटकटी मटकटी मराठी साड़ी फेन कर व्हा से रसन की दुकान से
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चीनी लेकर जरूर थी…
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तब भी वो लोग मेरी संकरी माँ को घुर रहे थे.. माँ की मटकती गांड को हिलते हुए देख कर अपने
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कच्छे म पता नहीं कुछ कर रही थी… और उनमें से चारो लोग बाते कर रही थी…
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अमजद… आअहह क्या माल है देख क्या गांड मटका रही है साली…
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सलमान… हां यार क्या गदरिये हुए गांड ह रंडी की…
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असलम… हां बहनचोद ये तो अनमोल की मां है साली कितनी प्यारी लगती है.. क्या खट्टी है साली हिंदू औरत…
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…रंडी की चाल तो देखो कैसी चल रही है रामलाल लो दिन भर खेत में रहता हूं खा खुश करपता होगा
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इस रंडी को…
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अमजद… दोस्तो इस रंडी को चोदने का कोई प्लान बनाओ… चारो लोग चूत मारेंगे इसकी अपना काटा
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हुआ लंड देंगे इसकी संकरी चुत माई…
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असलम… हाहा अनमोल भी तो इसकी चूत से ही निकला ह वो चूत का फटी होगी जब वो लोडू निकला
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होगा…
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और फिर चारो जोर जोर से हंसने लगे…
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दोस्तो मुझे उनकी बात कुछ समझ नहीं आई… और मैं उनके पास गया तब भी वो मेरी माँ को चलते हुए
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देख कर अपने पजामे के और एचएसएचटी डाल कर पीटीए एनएचके क्या कर रहे थे…
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माई बोला और भाई केसे हो तुम… और ये क्या कर रहे हो… मुझे देख के चारो और हंसने लगेंगे…
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बोले आगया मर्दचोद…
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माई… भाई तुम अभी क्या बात कर रही थी…
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अमजद… कुछ नहीं भाई तेरी माँ के बारे में मैं कुछ बता कर रही थी…
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माई… भाई क्या बात कर रही थी मम्मी के नंगे म…
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और भाई ये चुत चुत क्या होती है और लौड़ा क्या होता है…
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फिर से मुझे देख कर 4लोग हंसी… और मुझे गली दी…
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और बोले भाई हमें भी नहीं पता ये सब तो पर बड़ी औरत को ज्यादा पता रहता है…
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मैं बोल किसको पता होगा…
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वो बोले… तेरी मम्मी मीराबाई को पता होगा…
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माई बोला मम्म को पता होगा क्या…
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हां मीराबाई को पता है सब…
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माई बोला ठीक है मैं पूछता हूं मां से आज रात को…
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4… अब्बे तू कैसे पूछेगा तुझे कुछ पूछना नहीं आता… हम सब भी चलेंगे तेरे घर और हम सब
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पुचंगे…
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अभी तेरा बापू खा ह ये बता लहले…
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बापू तो खेत म ही होगा भाई सैम को ही लोटेंगे…
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4…ठीक है फिर भी चलते हैं घर। तेरे…
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फिर मैं बोला ठीक है चलते हैं अभी..
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और फिर हम चारो… और मैं ghsr agye..
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संकरी माँ सबको पचपन से जानती थी माँ के सामने ये भी बहुत भोले बन जाते थे ये कुछ जानते ही थे
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ना हो…
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माँ सबको अभी बाकी ही समझती थी… लेकिन ये चारों अब बच्चे नहीं रह रहे थे… इनके 4रो के लंड कटे
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लंड काटने वाले गंदे लंड…
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8-8-9 इंच की होचुके थी… लेकिन मेरी लुल्ली अभी तक खड़ी ही नहीं होती थी.. मेरी तो अभी भी लुल्ली ही थी…
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लेकिन इनकी लुल्ली अब लंड बन चुकी थी
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आब हम पंचो एकर आंगन में बेथ गई मां खाट पर बेथ कर सब्जी तैयार थी…
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अरे तुम पंचो आज घर म क्या कर रहे हो खने नहीं गए क्या…
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उनसे एक बोला… नहीं आंटी आज हम कुछ कहने आए हैं तुमसे…
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माँ बोली क्या पूछने आये हो…
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उनसे एक… आंटी अनमोल पूछ रही थी कि लंड किसे कहते हैं…
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आज स्कूल में भी ब्यो के सबजेट में ये पूछ रही थी…
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मम्मी एकडुक लसुंड सुनके थोड़ा चुक गई और सरमा सी गई..
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लेकिन माँ ने उनको बचाया समझा.. और लुचा की ये तुम लोग किसने वोला..
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आंटी स्कूल म पुछ रई थी कल हमारा पेपर ह… हमें कल लिखना हाल..
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माँ बोली ये स्कूल एम एजेकेएल क्या पढने लगेंगे…
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फिर माँ और कुछ देर सोचा और फिर बोली ये तो बच्चे ही हैं… इनसे क्या सरमाना…
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माँ बोली.. बेटा जिसे तुम आदमी बच्चे लड़के पसंद करते हो…उसे लंड बोलते हैं…
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चारो माँ को डरखे थी माँ के मुँह से लंड जब निकला चारो के पजामे में लंड खड़े होगे…
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आंटी लंड कैसा दिखता है…
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माँ बोली केसे समजौ इनको…
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बेटा सबके पास होती है लंड…
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आंटी हम्रव लस भी ह क्या.. लौंड..
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माँ.. अरे बेटा अभी तुम्हारा लंड नहीं लुल्ली है अभी तुम बचे हो…
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लंड बनने में समय लगता है..
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चारो बोले आंटी मेरा बताओ मेरा क्या है…
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मेरा लंड है या लुल्ली…
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फिर माँ ने मुझे ओस बुलाया और मेरी पेंट उतारवाय और मेरी मुफली जेसी लूली उनको दिखाई… बोली ये अभी
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लुल्ली है बुरी एम लंड बन जायेगी…
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चारो मेरी लूली देख कर हंसने लगे…
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फ़िर असलम अग्गे आया माँ के पास.. और बोला आंटी मेरा बताओ… और फ़िर उसने माँ के सामने अपना पायजामा
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नीचे देखो…
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हे भगवान उसका लंड 8 इंच का एकदम काला सांप जैसा फैनफना रहा था मेरी संस्कारी मां के सामने मां की
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आँखे फटी जे फटी रह गई… माँ और कल्पना भी नहीं थी…
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फ़िर बाकी तेनो ने भी एक पजामे उतारे और तीनो नंगे होगे…
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3नो के लंड ही कटे हुए एक से बढ़कर एक… माँ थोड़ी सरमा गई औ
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आर लंड देख कर घबरा सी गई…
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माँ सोची ये तो बच्चे ह… अभी…
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लेकिन माँ बार बार उनके लौंडो को देख रही थी…
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पता नहीं माँ को लंड देख कर नासा सा चोद गया… और माँ का गला सुख गया…
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चारों अभी भी नंगे ही माँ के सामने लंड फनाफा कर खड़े थे…
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तब भी उनसे एक बोला आंटी छूट क्या होती है…
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माँ एक होश में नहीं थी… बताओ ना आंटी की चूत क्या होती है… है…
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मां बोली तुम लोग जाओ अब बाहर खेलो मुझे काम करने दो…
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बताओ ना आंटी चुत क्या हालती है…
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माँ बोली बेटा…चूत औरतों की होती है जिसे वो पसाब करती है…क्या वो भीख लंड जैसी होती है
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चाची…
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माँ तुम को अब खेलो भर…
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इसका एमटीकेबी आपकी भी चूत है क्या…
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माँ हाँ…
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केसी दिखती है चूत आंटी…
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तुम लोग बहुत होगे हो बचो अभी तुम बच्चे हो सब…
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बताओ ना आंटी हमारा केएल पेपर एच..
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कुछ देर माँ ने उन्हें टाला लेकिन माँ केके नजे उनके लौंडो s nhi Hat rhi thk..
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ठीक है दिखती हूँ…
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फिर माँ ने मुझे 5रुपये दिए और भर से सबके लिए टोपी लाने को बोला…
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माई बोला भी देखूंगा चूत मुश्किल…
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माँ ने मुझे दाता और धमका कर चीज़ लेन के लेये बोल दिया…
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और माई भर चला गया मन नहीं था जाने का.. पता नहीं मां ने मुझे ही कू भर भेजा..
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फ़िर लेकिन माई तोफी लेने नहीं गया… और दीवार माई एक मोखा छेद था माई अंदर देखमे लगा…
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दिखाओ ना अपनी चूत…
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बहुत अच्छा दिखता है… पर किसी को कुछ नहीं कहना चाहिए..
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ठीक है आंटी दिखाओ…
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माँ खात पर बैठी थी… और फिर माँ सीधी लेट गई…
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और अपने सारे को एक झटके के साथ कमर तक उठा कर तांग हवा पाई उन 4मुल्ले बच्चों के सामने
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उठा कर नंगज होगे आला से…
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अब्ब उन चासरो के सामने सुश्री संस्कारी मां की छत जिसप्स झांट के बाल थी.. उनके सामने थी वो…
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क्या लग रही थी चुत एक दम मस्त देसी संकरी चुत उन्न चारो मुल्लो की तो मोज अग्ये…चारो फूट देख
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कर अपना लण्ड हिलाने लगें
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और फिर… क्या हुआ बाकी बाद में… अगला भाग मैं.. उम्मीद है आपकी कहानी पसंद आएगी…