माँ और बेटे की बात
ये उस दिन की कहानी है, जब एक सुबह मैं नहा रही थी और अचानक मुझे एक आवाज़ सुनाई दी, “अरे कालमुंही, कब तक मुझमें अपनी उंगलियाँ डालती रहोगी, कभी उंगलियाँ, कभी केले, कभी खीरे, ये कब तक चलेगा?” मैं डर गई। फिर आवाज़ बोली, “अरे डरो मत, नीचे देखो, मैं बात कर रही हूँ, […]